जब हम अक्सर 'न' शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो यह अपना मतलब खो देता है और बच्चे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। एक्सपर्ट्स भी कहते हैं कि नकारात्मक शब्द जैसे 'न', 'नहीं करना' और 'नहीं' ये बच्चों का कोई अच्छा बर्ताव नहीं होता है। इसलिए इन नकारात्मक शब्द की जगह बच्चों के लिए उनके पैरेंट्स को अलग शब्द तलाशना चाहिए जिससे बच्चे इस नकारात्मक शब्द का इस्तेमाल ना करें।
जरूर, लेकिन बाद में'
अगर आपका बच्चा बात-बात पर 'ना' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो आपको उनके इन शब्दों को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए। आप अपने बच्चों को सिखाएं कि आप 'ना' की जगह 'जरूर, लेकिन बाद में' कहना सिखाएं। इससे आपके बच्चे का बर्ताव काफी सकारात्मक नजर आने लगेगा। इससे अगर आपका बच्चा इस चीज को 'ना' भी करना चाहे तो वो उसे कुछ समय के लिए टाल सकता है।
'अरे, वो देखो'
कई बार बच्चे अपनी जिद को पूरा करने के लिए चिल्लाते हैं तो आप उनका ध्यान भटकाने के लिए कुछ भी कह लें, उनका बस एक ही जवाब होता है ना क्योंकि उन्हें बस अपनी चाहत वाली चीज चाहिए होती है। इसलिए आप अपने बच्चों का ध्यान कहीं और करने के लिए ये कह सकते हैं कि 'अरे, वो देखो' इससे आपका बच्चा ना भी नहीं कहेगा और आसानी से आपकी बात सुन सकेगा।
'तुम इसकी जगह ये खेल सकते हो'
कैंची और चाकू जैसी खतरनाक चीजों से बच्चे बहुत ज्यादा मोहित होते हैं। इसलिए बच्चे ऐसी चीजों से खेलने के लिए बहुत ही खुश होते हैं। लेकिन आप जब अपने बच्चों को ऐसी चीजें करते देखें तो आप उन्हें जब डांटते हैं या उनसे ये चीजें वापस लेते हैं तो वो इस बात के लिए नहीं देंगे, ना कहना और नहीं करेंगे जैसी शब्द कहते हैं। इसकी जगह आप अपने बच्चे को ये कहें कि तुम इसकी जगह ये खेल, खेल सकते हैं।
कई बार आपको भी बच्चों को समझने की जरूरत होती है जिससे की आप उनके मुताबिक चीजें कर सकें।
बच्चों के साथ समय बिताएं: जरूरी नहीं कि आपका बच्चा स्कूल में ही सब चीजें सीख जाएगा, इसके लिए कुछ चीजों पर आपको भी ध्यान देने की जरूरत है। आप अपने बच्चों को समझने के लिए उनके साथ थोड़ा समय बिताएं। बच्चे छोटे हों या बड़े, सभी माता-पिता से प्यार चाहते हैं। प्यार एक ऐसी दवा है जो बच्चों हो या बड़े सभी की आदतों को भी अच्छा बना सकता है। प्यार बुराईयों को अच्छाई में बदलने का काम करता है ये तो आप सभी जानते हैं। आप अपने बच्चों को प्यार से किसी भी काम को करने का तरीका सिखाएं। जिससे कि वो किसी भी चीज के लिए कभी मना ना करें। बच्चों के दिमाग पढ़ें: छोटे बच्चे अपनी नाराजगी और प्यार से ही अपनी भावनाओं को बाहर निकालते हैं। कई बार वो कुछ चीजें आपको समझा नहीं पाते जिसकी वजह से उनकी चीजें हमेशा उलझी हुई सी लगती है। इसके लिए जरूरी है कि बच्चे के माता-पिता को इस पर ध्यान देना चाहिए। बच्चे के पैरेंट्स को बच्चे का दिमाग पढ़ना आना चाहिए, जिससे वो अपने बच्चों की भावनाओं और उनकी परेशानियों को समझ सकें।